मेरी पहली रचना, 'माँ' एक ऐसी कविता थी जिसकी आज भी मेरे दिल में एक ख़ास जगह है।वैसे तो म मेरी पहली रचना, 'माँ' एक ऐसी कविता थी जिसकी आज भी मेरे दिल में एक ख़ास जगह है।वै...
मैं खुद में ही सोचने लगी, "पता नहीं, लोगों को खुद की जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की जिन्दग मैं खुद में ही सोचने लगी, "पता नहीं, लोगों को खुद की जिन्दगी से ज्यादा दूसरों की...
ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि उसके एहसास जाग उठे ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि...
लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: अलेक्सान्द्र रास्किन ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास