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मेरी कहानी मेरी जुबानी प्रेरणा मेरी मेरी माँ मेरी लाइफ मर्ज़ी की उसका मन उस एहसास से अब तक वाकिफ ही नहीं था जो अब हुआ था उसका दिल धड़का भो तो उसके लिए जिस पर उसका कोई हक़ नहीं था | वह प्यार नहीं था अक्षर लिखना पढ़ना

Hindi तुम्हें पढ़ना तो था आँखें मेरी Stories